भारत में एमपॉक्स की जांच कैसे करें (How to check mpox in india yet):
Monkey Pox

भारत में एमपॉक्स की जाँच करने के कुछ तरीके:
टेस्ट करवाएं:
एक स्वास्थ्य सेवा प्रदाता एमपॉक्स की जांच के लिए दाने की स्वैबिंग करके टेस्ट का आदेश दे सकता है। आपके स्थानीय स्वास्थ्य विभाग से आपकी क्षेत्र में टेस्टिंग विकल्पों की जानकारी प्राप्त की जा सकती है।
लक्षणों के बारे में जानें:
एमपॉक्स के सामान्य लक्षणों में दाने, बुखार, सिरदर्द, मांसपेशियों में दर्द, पीठ दर्द, थकान और सूजी हुई ग्रंथियाँ शामिल हैं। यह दाने चेहरे, हाथ, पैर, गुप्तांग और/या गुदा क्षेत्र में दिखाई दे सकते हैं।
संदिग्ध मामलों की रिपोर्ट करें:
सरकारी और निजी अस्पतालों को एमपॉक्स के संभावित लक्षणों वाले रोगियों की रिपोर्ट करनी चाहिए।
सावधान रहें:
स्वास्थ्य मंत्रालय ने राज्य एड्स नियंत्रण समितियों को संभावित मामलों का पता लगाने के लिए अलर्ट रहने का निर्देश दिया है। मंत्रालय ने समुदायों को इस बीमारी, इसके फैलने के तरीकों और रोकथाम के उपायों के बारे में जागरूक करने का भी निर्देश दिया है।
एमपॉक्स टेस्टिंग लैब:
नागपुर स्थित एम्स (AIIMS) के वाइरल रिसर्च डायग्नोसिस लेबोरेटरी (VRDL) में एमपॉक्स के संदिग्ध सैंपलों की जांच की सुविधा है।
संक्षिप्त विवरण:
अगस्त 2024 तक, दुनिया भर में 21,000 से अधिक मामले रिपोर्ट किए गए हैं, जिनमें से अकेले भारत में एमपॉक्स के 32 मामले हैं।
इस वायरस की पहली बार पहचान 1958 में कोपेनहेगन, डेनमार्क की एक प्रयोगशाला में बंदरों में की गई थी।इसके बाद पहला मानव मामला 1970 में कांगो लोकतांत्रिक गणराज्य (DRC) में पाया गया था। यह वायरस एक बच्चे से अलग किया गया था, जिसे चेचक होने का संदेह था।
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